रण में शहीद, वहां से सकुशल वापिस लौटे तथा आज भी हमारी रक्षा करते सभी सैनिकों को समर्पित -
मर मिटे हजारों लाल यहाँ पर
श्वेत बरफ तब लाल हुई.
वादी वादी गूंझी घन घन
शत्रु पे बौछार हुई.
चढ़े चोटी पर वीर हमारे
विजय तिरंगा फेहराया.
लहू के हर कतरे से अपने
दिया जय हिंद का हुंकारा.
जय हिंद
--नीरज
अमर शहीदों को नमन.
जवाब देंहटाएं