शुक्रवार, सितंबर 11, 2009

प्यार की गर्मी

रात सिकुडी है
साँसे ठहरी सी हैं
कोहरा घनेरा
सुन्न जिस्म है मेरा.

पोटली देखी है
फुटपाथ के किनारे,
गरीब का परिवार
प्यार की गर्मी
ले रहा है.
अमीर हैं की प्यार
की नरमी भूल गया.
गर्मी मिटाने के लिए
AC में सो रहा है

--नीरज

9 टिप्‍पणियां:

  1. नीर जी बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई

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  2. wah kya bat hai...bahut khoob neer

    or ye jo tum neeer ko neer me dubo rahe ho na,thts very nic pic :)

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