गुरुवार, सितंबर 10, 2009

** हाइकु **

महताब है
मोहब्बत मेरी.
दूर मुझसे.

***************

ज़मीन गीली,
अजीब सी खामोशी....
बिखरे मोती.

--नीरज

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया लिखा है आपने

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  2. वाह! जी छोटी है पर अच्छी है।

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  3. आपके ब्लोग पर पहली बार आया ......आपकी रचनाओ से बहुत ही प्राभावित हुआ......बेहद ही खुबसूरत रचना

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  4. kya baat hai haaiku
    waah maine kabhi nahi likhe itni kam shbdon mein baat kahna aasaan nahi hai

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  5. ye haiku to bahut hi badiya lage lekin tumhare explaination k baad haha

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  6. @ All -

    Aap sabhi ko sarahne ke liye tahe dil se bahut bahut shukriya.
    Aate rahiye... :)

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  7. दूसरा हाइकु निहायत ही खूबसूरत लगा..आभार

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आपके विचार एवं सुझाव मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं तो कृपया अपने विचार एवं सुझाव अवश दें. अपना कीमती समय निकाल कर मेरी कृति पढने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.