सोमवार, मई 04, 2009

मौत

मौत तू आएगी,
न जाने किस लिबास में.
दामन में गिरेगी या,
उडा ले चलेगी.

सालों करवटें दिलवाएगी,
या आघोष में भर ले चलेगी.
दबे पाँव आएगी या,
रोज़ एहसास के साथ आएगी.

जानता हूँ मौत तू एक रोज़ आएगी,
झोंके के साथ मेरी रूह ले जायेगी.

--नीरज

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