साँसों में तूफ़ान लिए,
हाथों में पतवार लिए।
चलता है राह मुसाफिर,
आँखों में सैलाब लिए।
युग बीते सब वादे टूटे,
नैनों से बस हंजू टूटे।
ऊँगली पे निशान लगा,
आशा का अब साथ न टूटे।
संविधान को छुपाये रखा,
49-O बचा के रखा।
जनता अब है जाग रही,
अपना हक पहचान रही।
http://en.wikipedia.org/wiki/49-O
हंजू - आंसू
--नीरज
This section has not passed by parliament.
जवाब देंहटाएंbut aapne bahut accha likha hain